जब कोई कंपनी शेयर मार्किट में अपना आईपीओ (IPO) लाती है तो उसका मकसद अपने कंपनी के कुछ हिस्से को बेचकर फण्ड रेज करना होता है। आईपीओ (IPO) लाने के कई कारण हो सकते है जैसे की अपने व्यापार को बढ़ाना, अपने कर्ज को कम करना, या फिर किसी दूसरी कंपनी का विलय (mergers) और अधिग्रहण (acquisitions) करना इत्यादि। वही निवेशको के द्वारा इन आईपीओ (IPO) में इसलिए निवेश किया जाता है ताकि वह इनसे अच्छा मुनाफा कमा सके, जिनमे से कई निवेशक इसमें लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते है और कई शार्ट टर्म के लिए। लिस्टिंग गेन भी शार्ट टर्म में ही आता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम आईपीओ में listing gain के बारे में आपको संक्षेप में जानकारी देंगे जिसके बाद आपका आईपीओ में लिस्टिंग गेन का कांसेप्ट क्लियर हो जायेगा।
लिस्टिंग गेन क्या होता है – What is Listing Gain in IPO?
जब आईपीओ (IPO) का अलॉटमेंट हो जाता है तो शेयर्स, निवेशक के DMAT account में आ जाते है, और साथ ही शेयर मार्किट में भी लिस्ट हो जाते है। अगर उन अलॉटेड शेयर्स की कीमत उनकी खरीदी कीमत से ज्यादा में लिस्ट होता है वह लिस्टिंग गेन कहलाता है, ऐसे में कई निवेशक अपने aloted shares के कुछ या पूरे हिस्से को लिस्टिंग डे वाले दिन या कुछ और दिन रूक्कर बेच देते है जब तक की स्टॉक में पाजिटिविटी बनी रहती है। वैसे तो लिस्टिंग गेन मिलने पर अधिकतर लोग लिस्टिंग डे पर ही इसे बेच देते है।
लिस्टिंग गेन को आप उदहारण के तौर पर ऐसे समझ सकते है की किसी कंपनी के आईपीओ का प्रति शेयर भाव 100 रूपए तय हुआ था पर जब यह पहले दिन लिस्ट हुआ तो 120 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ और जिन-जिन लोगो को इसका अलॉटमेंट हुआ था उन्हें प्रति शेयर 20 रूपए का फायदा हुआ यानि की उन्हें 20% का लिस्टिंग गेन मिला।
IPO से कितना लाभ (Listing Gains) मिल सकता है?
लिस्टिंग गेन से कितना लाभ मिल सकता है यह तो कहा नहीं जा सकता क्युकी किसी कंपनी की खुद की वैल्यू, डिमांड एंड सप्लाई, और मार्किट कंडीशन जैसे कई कारण है जो उसके लिस्टिंग के समय में उसके प्राइस को प्रभावित कर सकते है।
उदाहरण के लिए हम Dixon Technologies का example लेते है जिसने अपने निवेशकों को काफी अच्छा लिस्टिंग गेन दिया था। डिक्सन टेक्नोलॉजीज का आईपीओ Sep 6, 2017 को आया था जिसे निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, और अंतिम दिन Sep 8, 2017 तक इसे 118 गुना का अभिदान (subscription) मिला था।
Dixon टेक्नोलॉजीज के 1 लोट में 8 शेयर्स थे और प्रति शेयर की प्री-मार्किट वैल्यू ₹1,766 थी, यानि की टोटल (8×1766 = ₹14128) की वैल्यू। Sep 18, 2017 को यह हाई डिमांड के साथ मार्किट में लिस्ट हुवा था और यह निश्चित था की यह प्री-मार्किट वैल्यू से ज्यादा प्राइस पर ही लिस्ट होगा। लिस्टिंग डे वाले दिन यह 2,725 पर लिस्ट हुवा और ₹3,020.25 का हाई लगते हुए ₹2892.80 पर क्लोज हुआ। जिन रिटेल निवेशकों को Dixon Technologies का एक लोट मिला था अगले दिन मार्किट खुलते ही उन्हें एक ही दिन में 63.81% का लिस्टिंग गेन मिला, यानि की उन्हें एक लोट में ₹9014.4 का मुनाफा हुआ। Dixon Technologies के आईपीओ में एक रिटेल निवेशक 14 लोट तक खरीद सकता था।
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क्या IPO में नुकसान भी हो सकता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है की कंपनी कैसी है उसका फंडामेंटल कैसा है व्यापार कैसा चल रहा है और कंपनी कितनी फ्यूचरिस्टिक है, आईपीओ लाने के समय बाजार में कैसा माहौल है जैसे अनेक कारण है जो उसकी कीमत को प्रभावित कर सकती है। शेयर मार्किट में काफी वोलैटिलिटी होती है जिसके कारण कई बार आईपीओ में निवेश करना काफी रिस्की होता है। कई बार जब मार्किट की अच्छी कंडीशन होती है या फिर मार्किट में हाई लिक्विडिटी होती है तो एक नार्मल आईपीओ भी अच्छा लिस्टिंग गेन दे देता है पर कभी-कभी मार्किट का माहौल इतना नेगेटिव होता है की अच्छी-खासी फंडामेंटल वाली कंपनी भी एवरेज परफॉर्मन्स या नेगेटिव गेन (लिस्टिंग फॉल) दे देती है।
लिस्टिंग फॉल क्या होता है – What is Listing Fall in IPO?
लिस्टिंग गेन के अपोजिट जब किसी आईपीओ में हमें लॉस होता है तो वह लिस्टिंग फॉल या लॉस कहलाता है। जैसे की जब किसी कंपनी के आईपीओ का प्रति शेयर का भाव ₹100 तय हुआ था पर जब यह पहले दिन लिस्ट हुआ तो ₹80 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ और जिन-जिन लोगो ने इसमें निवेश किया था उन्हें प्रति शेयर 20 रूपए का नुक्सान हुआ यानि की 20% का लिस्टिंग फॉल मिला। किसी स्टॉक में लिस्टिंग फॉल तब हो सकता है जब स्टॉक की मांग (demand) बहुत ही कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप कम मांग होने के कारण शेयर्स की कीमतें भी कम हो जाती है।
लिस्टिंग फॉल के उदाहरण के लिए हम PAYTM का example ले सकते है जिसने अपने निवेशकों को लिस्टिंग डे वाले दिन गेन नहीं बल्कि पेन दे दिया क्युकी लिस्टिंग डे में इसकी कीमत में काफी गिरावट आ गई थी। PAYTM का आईपीओ Nov 8, 2021 को आया था और Nov 18, 2021 को मार्किट में लिस्ट हुवा था। PAYTM के 1 लोट में 6 शेयर्स थे और प्रति शेयर की प्री-मार्किट वैल्यू ₹2,150 थी, यानि की टोटल (6×2150= ₹12908) रुपये। अपनी लिस्टिंग वाले दिन यह ₹1,955 की कीमत पर लिस्ट हुआ और ₹1,564.15 पर क्लोज हुआ, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में -27.25% का लिस्टिंग फॉल (loss) मिला।
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Listing Gain या Fall को प्रभावित करने वाले कारण
Market Conditions
बाजार की वर्तमान की स्थिति किसी आईपीओ के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। यह अक्सर देखा गया है खासतौर पर बुलिश मार्किट में जब पूरे बाजार में पाजिटिविटी भरी होती है, और लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं होती, तो अच्छी फ़ण्डामेंटली वाली कंपनी ही नहीं, बल्कि एक एवरेज कंपनी का आईपीओ भी सक्सेस हो जाता है। उसी के विपरीत जब बाजार में मंदी (bearish) चल रही हो तो एक अच्छी-खासी कंपनी का आईपीओ भी संघर्ष कर सकता है।
Company Financials
किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति भी उसके आईपीओ के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है, तो निवेशक कंपनी के आईपीओ में निवेश करने के इच्छुक हो सकते हैं, उसके विपरीत बुरे फाइनेंसियल वाली कंपनी में लोग निवेश करने से बचते है।
Industry Trends
एक ही उद्योग के अन्य स्टॉक्स का प्रदर्शन भी किसी आईपीओ के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। अगर उसी उद्योग से सम्बंधित स्टॉक्स का बाजार में अच्छा परफॉरमेंस रहा है, तो उम्मीद है की यह आईपीओ भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
Investor Sentiment
निवेशकों का सेंटीमेंट किसी आईपीओ के प्रदर्शन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्युकी पूरा बाजार ही सेंटीमेंट पर टिका हुआ है। यदि निवेशक कंपनी और कंपनी की संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं, तो वे आईपीओ में जरूर ही निवेश करना चाहेंगे, उसी के विपरीत नेगिटिव सेंटीमेंट उन्हें उस स्टॉक से दूर ही रखता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एक आईपीओ में निवेश करके आपको लिस्टिंग गेन पाने का एक रोमांचक अवसर मिल सकता है। हालांकि, यह बात भी ध्यान रखना जरूरी है की आईपीओ में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, और लिस्टिंग गेन मिलेगा की नहीं उसकी भी कोई गारंटी नहीं है। क्या पता आपको गेन मिलने की वजाये पेन मिल जाये। इसलिए किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले बाजार की स्थितियों, कंपनी के व्यापार, और वित्तीय स्थिति की जाँच जरूर कर ले।
FAQ
लिस्टिंग गेन क्या हैं?
लिस्टिंग गेन का मतलब किसी स्टॉक की वैल्यू बढ़ने से है। जब कोई स्टॉक, स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार लिस्ट होता है, और उसका लिस्टेड प्राइस हमारी प्राइमरी मार्किट यानि को आईपीओ में खरीदी हुई कीमत से ज्यादा होता है तो लिस्टिंग गेन्स कहलाता है।
क्या इस बात की गारंटी है कि आईपीओ में लिस्टिंग गेन्स होगा?
नहीं, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको आईपीओ में लिस्टिंग गेन्स होगा। कई बार निवेशकों को लॉस भी होता है।
सबसे अच्छा समय कौन सा है आईपीओ में निवेश करने के लिए?
अगर देखा जाये तो जब मार्किट बुलीश हो वह अच्छा समय रहता है आईपीओ में निवेश करके के लिए, क्युकी मार्किट की स्थिति और निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव रहता है, और मार्किट में फुल लिक्विडिटी होती है। यही कारण है की अधिकतर आईपीओ (IPO) बुल मार्किट के दौरान ही आते है।