निफ़्टी क्या है और कैसे काम करता है (NIFTY Kya Hai) | What is NIFTY in Hindi?

हैलो दोस्तों आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग में जिसमे आज हम आपको Nifty kya hai (What is NIFTY 50) के बारे में बतायंगे। पैसे और निवेश की दुनिया में, एक महत्वपूर्ण शब्द है जो लोगो का ध्यान अपनी और आकर्षित करता है: वह शब्द है “निफ्टी।” अक्सर चर्चाओं, मीडिया और वित्तीय समाचारों में सुना जाने वाला निफ्टी निवेश और व्यापार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

आप काफी समय से समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनल्स में अक्सर सुनते आ रहें होंगे की Nifty इतने point गिरा, Nifty इतने point चढ़ा, निफ़्टी धराशाई हुवा, निफ़्टी में आई ज़बरदस्त रैली, निफ़्टी पहुंचा आपने आल टाइम हाई पर इत्यादि, लेकिन इसे जानने की और आपने इतना ध्यान नहीं दिया होगा। या फिर आप को पता है लेकिन इसके बारे में और अधिक जानने की कोशिश नहीं की होगी। पर शायद अब आप Nifty 50 के बारे में जानने के इच्छुक है, या फिर इसमें निवेश करने का मन बना रहे है, तो आप सही जगह आये है।

इस लेख को पढ़ने के बाद, निफ़्टी के बारे में आपके अधिकतर सवालो के जवाब आपको मिल जायेंगे, और जो कुछ confusion है तो वह सब दूर हो जायेंगे। तो आइये फिर जानते है की निफ़्टी क्या होता है।

NIFTY Kya HaI - What is NIFTY in Hindi
Nifty Fifty Kya hai (What is Nifty 50)

Table of Contents

निफ़्टी क्या है – What is NIFTY?

Nifty जिसे Nifty-50 के नाम से भी जाना जाता है, यह भारतीय share market का सबसे महत्वपूर्ण इंडेक्स है, जिसे साल 1996 में introduce किया गया था। निफ्टी-50 को NSE Indices के द्वारा संचालित (oprate) किया जाता है और इसमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (listed) 50 सबसे बड़ी पब्लिक्ली ट्रेडेड कम्पनियां शामिल हैं। निफ्टी-50 NSE का बेंचमार्क इंडेक्स है, और इन 50 कंपनियों के weightage average का प्रतिनिधित्व करता है।

इसे हम निफ़्टी क्यों कहते है – Why is it Called NIFTY?

NIFTY का फुल फॉर्म National Stock Exchange FIFTY है। यह दो शब्दों, नेशनल और फिफ्टी से मिलकर बना हुआ शब्द है। जहाँ “NI” को National Stock Exchange से लिया गया है, वही “FTY” को Fifty (50) से लिया गया है, और इन दोनों शब्दों को मिलाकर यह “NIFTY” बन जाता है। हालाँकि, Official तौर पर तो यह कही भी दर्ज नहीं है, पर फिर भी अगर आप इसे National Index of Fifty (NIFTY) भी कह सकते है।

NIFTY के Components

निफ्टी के बारे में समझने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक वे कंपनियां हैं जो इस इंडेक्स को बनाती हैं। निफ्टी विभिन्न सेक्टर जैसे की बैंकिंग (banking), ऊर्जा (energy), आईटी (information technology) और उपभोक्ता वस्तुओं (consumer goods) जैसी विभिन्न कंपनियों से मिलकर बना है। निफ्टी की कुछ शीर्ष कंपनियों में Reliance Industries, HDFC, HDFC Bank, और Tata Consultancy Services शामिल हैं। इनके बारे में हम आगे विस्तृत से बताएँगे।

निफ़्टी का क्या काम है – How does NIFTY Work?

Nifty, National Stock Exchange में लिस्टेड देश की 50 सबसे बड़ी कंपनियों के परफॉरमेंस को ट्रैक करता है, यह निवेशकों को शेयर बाजार का एक snapshot प्रदान करता है, जिसको देखकर निवेशकों को इन शीर्ष (top) कंपनियों और सेक्टर्स के प्रदर्शन के बारे में जानने और अपडेटेड रहने में मदद मिलती है। NIFTY एक तरह से बाजार के रुझान को दर्शाता है और इन कंपनियों के शेयर्स की चाल के बारे में जानकारी देता है।

इसके अलावा निफ़्टी में re-balancing की प्रक्रिया भी की जाती है, जिसके तहत साल में दो बार सभी लिस्टेड स्टॉक्स की समीक्षा की जाती है और जाँचा जाता है की क्या ये कम्पनियां निर्धारित की गई मानदंडों (norms) को अभी भी फॉलो करती है की नहीं। अगर कोई कंपनी निर्धारित की गई इन मानदंडों पर खरी नहीं उतरती तो उसे इंडेक्स से बाहर कर दिया जाता है, और एक दूसरी कंपनी को इंडेक्स में जगह दी जाती है जो इन मानदंडों पर खरा उतरती है।

निफ़्टी का महत्व – (Importance of NIFTY)

अब तक आपने यह तो जान ही लिया होगा की Nifty, national stock exchange में सूचीबद्ध (listed) देश की 50 सबसे बड़ी कंपनियों के weightage average का प्रतिनिधित्व करता है। और इन कंपनियों को आप भारत का बैकबोन भी समझ सकते है, जिसका भारत के अर्थ-व्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान होता है।

जब ये कम्पनियां बढ़ती है तो भारत की अर्थव्यवस्था भी बढ़ती है, उसी के विपरीत जब इन कंपनियों में कुछ प्रॉब्लम आती है तो भारत की अर्थव्यवस्था में भी कुछ रुकावट आ जाती या फिर slow हो जाती है। क्युकी इन कंपनियों से टैक्स के रूप में मिलने वाला पैसा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, जितना बेहतर कम्पनियां प्रदर्शन करेंगी उतना ही टैक्स भारत की अर्थव्यवस्था में जुड़ता जायेगा जो कही न कही भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा।

क्युकी निफ़्टी विभिन्न सेक्टर्स के विभिन्न कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे देख कर हमें किसी सेक्टर में या कंपनियों में होने वाले उतर-चढ़ाव के बारे में जानकारी मिल जाती है। इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को मापने के लिए, भारतीय और विदेशी निवेशकों और विश्लेषकों द्वारा व्यापक रूप से Nifty को track किया जाता है।

निफ्टी को समझने से कुल मिलाकर पूरे बाजार की चाल क्या है इसका अंदाज़ा हो जाता है और उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो बाजार की दिशा को समझना चाहते हैं।

NIFTY के फायदे (Advantage of NIFTY)

फायदे तो बहुत है, लेकिन, अगर इस लेख में मै आपको सब की जानकारी देने लग गया तो वह आपको समझ नहीं आएगा क्युकी, वह काफी टेक्नीकल हो जायेगा इसलिए मै आपको कुछ प्रमुख फायदे के बारे मै ही बताऊंगा। हालाँकि, उसमे से अधिकतर के बारे मै आप जानते ही होंगे क्युकी हम उन्हें पहले भी कवर कर चुके है लेकिन फिर भी आप निचे उन्हें पढ़ सकते है।

  • निफ़्टी से हमें किसी कंपनी या सेक्टर के परफॉरमेंस को जानने और ट्रैक करने में आसानी हो जाती है।
  • निफ़्टी से हमें शेयर बाजार की चाल को समझने में मदद मिलती है।
  • निफ़्टी से हमें देश की अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी मिलती है क्युकी जैसे-जैसे निफ़्टी का ग्राफ ऊपर की और बढ़ता जायेगा, वैसे ही देश की अर्थव्यवस्था भी बढ़ती जाएँगी।

NIFTY और SENSEX में क्या अंतर है?

वैसे अगर देखा जाये तो दो-तीन चीज़ो को छोड़कर निफ़्टी और सेंसेक्स में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। दोनों ही benchmark indices है। दोनों इंडेक्स की गणना कंपनियों के फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण के आधार पर की जाती है। दोनों indices ही लिस्टेड टॉप कम्पनीज को ट्रैक करते है। दोनों ही भारतीय शेयर मार्किट के लिए barometers के रूप में काम करते हैं और शेयर बाजार के प्रदर्शन की overall picture प्रदान करते है, और भारत की अर्थव्यवस्था के लिए दोनों ही बहुत जरुरी है।

फर्क बस इतना है की NIFTY, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का हिस्सा है, और SENSEX, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का हिस्सा है। जहाँ निफ़्टी में टॉप 50 कम्पनीज लिस्टेड है वही सेंसेक्स में टॉप 30 कम्पनीज लिस्टेड है। इसके अलावा अगर active stock marketers की अधिकता देखे, liquidity देखे, या फिर सक्रिय buying and selling देखे तो निफ्टी में सेंसेक्स के मुकाबले अधिक सक्रियता दीखती है।

Is NIFTY Better than SENSEX?

NIFTY में बड़ी मात्रा में सक्रिय स्टॉक (active stocks) और अधिक तरलता (greater liquidity) होती है, लेकिन प्रदर्शन (performance) के मामले में SENSEX हमेशा NIFTY को beat करता है।

निफ़्टी में निवेश कैसे करे – How to Invest in NIFTY 50?

Nifty 50 में आप दो तरीके से invest कर सकते है।

  • अगर आप एक अनुभवी निवेशक है या डायरेक्टली खरीदना चाहते हो तो आप अपने ब्रोकर की वेबसाइट या फ़ोन ऐप्लिकेशन के द्वारा वॉचलिस्ट में जाकर डायरेक्टली बाई कर सकते है।
  • या फिर आप ऐसे इंडेक्स म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हो जिसका बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स हो। इंडेक्स में इन्वेस्ट करने का फायदा यह होगा की आपको एक रेडी-मेड पोर्टफोलियो मिलेगा जिसे किसी एक्सपर्ट के द्वारा मैनेज किया जा रहा होगा।

निफ़्टी में निवेश के फायदे – Benefits (PROS) of Investing in NIFTY

NIFTY में निवेश करने के काफी फायदे है जिन्हे आप निचे पढ़ सकते है।

  • NIFTY50 में विभिन्न क्षेत्रों (various sectors) से जुडी देश की 50 सबसे बड़ी कम्पनीज शामिल है, जो निवेशकों को विविधीकरण (diversification) का लाभ प्रदान करता है।
  • निफ्टी भारत में सबसे अधिक trading indices में से एक है, जो निवेशकों को उच्च तरलता (high liquidity) प्रदान करता है।
  • निफ्टी भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बेंचमार्क है, जो बाजार के प्रदर्शन के लिए एक गेज (gauge) प्रदान करता है।
  • निफ्टी मे निवेश करके हमें बिना ज्यादा टेंशन के एक अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
  • निफ्टी मे हमारा इन्वेस्टमेंट देश की लीडिंग और ट्रस्टेड कम्पनीज में होता है।
  • इनमे वोलैटिलिटी काफी कम होती है, क्युकी ये लार्ज कैप या ब्लू-चिप कम्पनीज होती है जिनमे किसी भी प्रकार की मार्किट अस्थिरता को झेलने और उससे बाहर आने की क्षमता होती है।

निफ़्टी में निवेश के नुकसान – Disadvantage (CONS) of Investing in NIFTY

हालाँकि निफ़्टी अधिकतर पूरे बाजार के प्रदर्शन को दर्शाता है पर जरुरी नहीं की बाजार हर बार निफ़्टी के हिसाब से ही चले, कई बार बाजार निफ़्टी के अपोजिट भी चला जाता है। कई बार देखा गया है की NIFTY ने तो ग्रोथ दिखाई पर बाजार में मंदी आ गई।

इसके अलावा NIFTY में निवेश करके करके high riturn नहीं कमा सकते। हाई रिटर्न के लिए आपको ज्यादा रिस्क लेना पड़ेगा, जितना ज्यादा रिस्क, उतना ज्यादा रिटर्न। निफ़्टी एक इंडेक्स है और इसमें सम्मलित कम्पनीज लार्ज कैप होती है जो धीरे-धीरे बढ़ती है क्युकी इतनी बड़ी कंपनी को डबल होने में 5 से 10 साल लग जाते है।

उदाहरण के तौर पर, Reliance Industries का मार्किट कैप ₹15 लाख करोड़ से भी ज्यादा का है और HDFC Bank का मार्किट कैप ₹9 लाख करोड़ के आस-पास है। रिलायंस इंडस्ट्रीज को दुगना होने के लिए इसका मार्किट कैप डबल होना पड़ेगा यानि की ₹30 लाख करोड़, और वह 2-3 तीन साल में नहीं हो सकता, बल्की 5-10 साल लगेंगे, वही HDFC को भी डबल होने में 5-6 साल लगेंगे।

निफ़्टी में किनको निवेश करना चाहिए?

ऐसे लोग जो ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते और decent returns यानि 10-12% के सालाना रिटर्न में खुश है, उनके लिए NIFTY या दूसरे इंडेक्स सही है। लेकिन एक बात जरूर ध्यान रखना चाहिए की रिस्क हर तरह के निवेश में होता है, क्युकी मार्किट का प्राइस हमेशा स्थिर नहीं रहता या सिर्फ ऊपर ही ऊपर नहीं जाता बल्कि निचे भी आता है, और आप उस से बच नहीं सकते।

क्या निफ़्टी में निवेश करना सुरक्षित है?

व्यक्तिगत शेयरों में निवेश करने की तुलना में, NIFTY 50 में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित है, क्युकी निफ्टी 50 में विभिन्न सेक्टर्स की 50 सबसे बड़ी कंपनिया शामिल होती है, जो अपने-अपने सेक्टर्स की लीडर होती है जिसके कारण यह हमें एक अच्छा-खासा diversification प्रदान करता है।

हालांकि, NIFTY में निवेश करने में कम जोखिम है, लेकिन एक बात आपको जरूर समझनी होगी की NIFTY हो या शेयर बाजार में लिस्टेड कोई भी कंपनी क्यों न हो, निवेश करने में कुछ स्तर का जोखिम होता ही है, क्योंकि आपके निवेश के मूल्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

निफ़्टी से हाई रिटर्न (पैसा) कैसे कमाये?

देखिये, एक निवेशक के रूप में तो आप NIFTY में निवेश करके हाई रिटर्न या लाखो-करोड़ो रूपए कमा नहीं सकते। उसके लिए तो आपको एक ट्रेडर बनना पड़ेगा और छोटी-छोटी ट्रेडिंग लेनी पड़ेगी, और इंट्राडे, पोज़िशनल ट्रेडिंग, या फिर ऑप्शन ट्रेडिंग करनी पड़ेगी, जिसके लिए आपको किसी प्रोफेशनल ट्रेडर या इंस्टीटूशन से ट्रेडिंग के गुर सिखने पड़ेंगे।

आप डायरेक्ट जाकर ट्रेडिंग नहीं कर सकते, आपको कम से कम 1-2 साल तक अच्छे से इसे सीखना पड़ेगा और एक एक्सपर्ट ट्रेडर बनने में आपको 5-10 वर्ष लगेंगे। एक्सपर्ट ट्रेडर बनने के लिए आपको stock market-cycle से गुजरना पड़ेगा। एक मार्किट-cycle 10 साल की होती है और इन दस साल में आप मार्किट के हर उतर-चढ़ाव को समझ जाओगे और ट्रेडिंग में माहिर हो जाओगे।

निफ़्टी का अब तक का प्रदर्शन कैसा रहा?

निफ़्टी का शुरुवात से है काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है, और निवेशकों ने इससे एक डीसेंट रिटर्न कमाया है। अगर आप जानने के इच्छुक है की निफ़्टी ने अपनी शुरुवात से लेकर अब तक कितना रिटर्न दिया है और इस दौरान यह किस CAGR दर से बढ़ा तो आप हमारा पोस्ट निफ़्टी 50 रिटर्न्स, CAGR ग्रोथ फ्रॉम इन्सेप्शन को पढ़ सकते है, जिसमे हमने काफी अच्छे से निफ़्टी के अब तक के परफॉरमेंस को दर्शया है।

यह भी पढ़े: NIFTY 50 Year-wise Returns and Historical Price

निफ़्टी में लिस्टेड कंपनियों के नाम क्या है और कितना Weightage रखते है?

जैसी की आप नाम से ही जानते है और साथ ही हमारे लेख भी पढ़ चुके की इसमें टोटल 50 लिस्टेड कम्पनीज शामिल है। जिसमे HDFC Bank सबसे ज्यादा 1757.5 free float market cap के साथ 11.12% का वेटेज रखती है। वही अगर सेक्टर के वेटेज को देखे तो Financial Services सबसे ज्यादा वेटेज रखती है जो की पूरे मार्किट कैप का 32.34% है। कम्पलीट लिस्ट को आप हमारे लेख निफ़्टी 50 स्टॉक नेम्स, वेटेज एंड मार्किट वेटेज लिस्ट में पढ़ सकते है।

Conclusion

अंत में हम बस इतना ही कहना चाहेंगे की, NIFTY-50 भारतीय शेयर बाजार का एक प्रमुख संकेतक (indicator) है और निवेशकों के लिए नजर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण इंडेक्स है। निफ्टी के कंपोनेंट्स, उसके प्रदर्शन और भारतीय शेयर बाजार के साथ संबंध को समझने से निवेशकों को निवेश के बारे में उचित निर्णय लेने में मदद मिल सकती है, जिससे आप इसमें इन्वेस्ट और ट्रेडिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

लेकिन याद रहे की NIFTY में या फिर किसी अन्य इंडेक्स में कोई भी इन्वेस्ट करते या ट्रेड लेते वक़्त, उस समय के मार्किट की परिस्थितियों के बारे में अच्छे से अध्ययन जरूर कर ले और अपने financial adviser की सलाह लेना ना भूले।

निफ़्टी और सेंसेक्स क्या है | What is NIFTY and SENSEX (Video by PK)

NIFTY 50 INDEX – NIFTY Kya Hai (FAQ)

निफ्टी का फुल फॉर्म क्या है?

NIFTY का फुल फॉर्म National Stock Exchange Fifty होता है।

निफ्टी का नाम NIFTY कैसे पड़ा?

National Stock Exchange के National से “NI” लिया गया है, और क्युकी इसमें 50 कम्पनीज शामिल है इसलिए यह Nifty50 कहलाता है, और इस Fifty में से “FTY” लिया गया है। इस तरह इन दोनों शब्दों को मिलाकर यह NIFTY कहलाता है।

निफ्टी कैसे काम करता है?

निफ़्टी NSE में लिस्टेड देश की 50 सबसे बड़ी कम्पनीज को ट्रैक करता है।

NIFTY को कब Establish किया गया?

NIFTY 50 INDEX, की स्थापना 22 अप्रैल 1996 को की गई थी।

निफ्टी को कौन नियंत्रित करता है?

निफ्टी 50 को NSE Indices Limited के द्वारा ओन और मैनेज किया जाता है।

निफ्टी की गणना कैसे की जाती है?

निफ्टी 50 इंडेक्स एक फ्री-फ्लोट मार्केट कैप weighted कैलकुलेशन मेथड का उपयोग करता है, जो एक specific base period के relative सभी इंडेक्स शेयरों के market value को दर्शाता है।

इस लेख में आपने क्या सीखा

इस लेख में आपने निफ्टी क्या है (NIFTY Kya HaiWhat is Nifty50) के बारे मे जानकारी प्रदान की है, और उम्मीद करते है की इसको पढ़कर आप निफ़्टी के बारे में जान गए होंगे। साथ ही हम अपने पाठको से गुजारिस करते है की अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो इस लेख को स्टार दे और अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करे।

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